Blogoday


CG Blog

सोमवार, 22 दिसंबर 2014

प्यार हम करते रहें

यूँ हवा चलती रहे
और साथ हम चलते रहें
खामोशियाँ हों हर तरफ
बस बात हम करते रहें

हर ग़म फ़ना कर ज़िन्दगी से
और शिकन माथे से हटा
बस अविरल मुस्कान की
बरसात हम करते रहें

सागर मचलता ही रहे
और लहरों पे संगीत हो
खोये रहें एक दूसरे में
कई ज़ज्बात यूँ पलते रहें

कुछ हसीं यादें चुनें
कुछ बोल मीठे बोल लें
संग रात भी चलती रहे
और प्यार हम करते रहें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें