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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

जो तू मिला

जो तू मिला तो मैं मिला
जो तू चला संग मैं चला
गर तू गया तो जान ले
मर भी गया मिट भी गया

ज़िद ये नहीं ज़ज्बात है
तुझसे ही अब हर बात है
तू रौशन सवेरा है बना
खुशियों की ये शुरुआत है

तकलीफ में थी ज़िन्दगी
भूला  था मैं तो बन्दगी
मुस्कान तेरी देखकर
उम्मीद फिर से है जगी

बन जा तू मेरा इस दफ़ा
मत बैठ मुझसे यूँ ख़फ़ा
हाथों में दे दे हाथ तू
ले तेरी हुई मेरी वफ़ा

गर तू गया तो जान ले
मर भी गया मिट भी गया। 

नींद क्यूँ है लापता

आँखों में बैठी है थकन
सपने भी तेरे हैं पले
पलकें झुकीं हैं बोझ से
पर नींद क्यूँ है लापता

जाने भटकता हूँ कहाँ
इस ओर से उस ओर तक
अब दूर इतनी आ गया
कि ढूँढू खुदका ही पता

अब क्या करूँ कुछ तो बता
दे दे कोई तू आसरा
तू साथ चलता है तो चल
मिल जायेगा कोई रास्ता। 

सोमवार, 22 दिसंबर 2014

प्यार हम करते रहें

यूँ हवा चलती रहे
और साथ हम चलते रहें
खामोशियाँ हों हर तरफ
बस बात हम करते रहें

हर ग़म फ़ना कर ज़िन्दगी से
और शिकन माथे से हटा
बस अविरल मुस्कान की
बरसात हम करते रहें

सागर मचलता ही रहे
और लहरों पे संगीत हो
खोये रहें एक दूसरे में
कई ज़ज्बात यूँ पलते रहें

कुछ हसीं यादें चुनें
कुछ बोल मीठे बोल लें
संग रात भी चलती रहे
और प्यार हम करते रहें